यूपी के कुशीनगर में मिले नेपाल से आए जमात के 14 लोग, सभी क्‍वारंटीन किए गए

यूपी के कुशीनगर में मिले नेपाल से आए जमात के 14 लोग, सभी क्‍वारंटीन किए गए











नेपाल से खड्डा के रास्ते कुशीनगर जनपद में प्रवेश किए 14 जमातियों को रामकोला पुलिस ने शुक्रवार को थानाक्षेत्र के चंदरपुर गांव के पास एक पेट्रोल पम्प के समीप पकड़ लिया। पकड़े गए सभी जमातियों को पुलिस ने अहिरौली कुसम्ही के क्वारंटीन कराया है।


रामकोला थाना क्षेत्र के गांव चंदरपुर से शुक्रवार को किसी ने पुलिस को सूचना दी कि उनके गांव के किनारे खेतों से होते हुए कुछ जमाती जा रहे हैं। सूचना मिलते ही रामकोला एसओ धर्मेन्द्र सिंह दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और सभी को हिरासत में ले लिए। हिरासत में लिए गए सभी 14 जमातियों को एसओ ने नगर के सटे अहिरौली कुसम्ही स्थित शिवदुलरी देवी दल डपट शाही महिला महाविद्यालय क्वारंटीन सेंटर में पहुंचा दिया। एसओ ने बताया कि पूछताछ में ये जमाती खुद को नेपाल का बता रहे हैं। 


क्वारंटीन सेंटर में सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। जमातियों के लीडर अहमद हुसैन ने पुलिस को बताया कि वह नेपाल राष्ट्र के सिरहा जिले के लहान क्षेत्र में लक्ष्मीपुर तपाड़ी गांऊ पालिका 5 खडूकयाहि का निवासी है।  24 फरवरी को वह लोग झुलनीपुर होकर खड्डा कस्बे के रास्ते कुशीनगर में घुसे। जिले के तमाम मस्जिदों व मदरसों में रहते हुए 10 दिन पूर्व वे कप्तानगंज पहुंचे थे। 


नगर के दोनों मस्जिदों में 10 दिनों तक रुके। दो दिन पूर्व वे कप्तानगंज क्षेत्र के लक्ष्मीपुर, मलुकही आदि गांव के मस्जिद व मदरसे द्वारा बनाए गए  रैन बसेरे में रहे। इसी बीच गुरुवार को पुलिस ने जिले के सभी मस्जिद मदरसों की जांच करायी तो इनका पता नहीं चला। तब यह सभी रैन बसेरे में थे, जिसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी गई। 


क्वारंटीन सेंटर में सबसे अलग रखा गया है
क्वारंटीन सेंटर के संचालक रामकोला के कानूनगो ने बताया कि इन सभी जमातियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई है। कोई भी संक्रमित नहीं मिला है। इन्हें अन्य लोगों से अलग रखा गया है। सभी का सेनिटाइजेशन कराया जा रहा है। इन्हें लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के जैसे भी निर्देश होंगे,  पालन कराया जाएगा।  


मस्जिद व मदरसों की जांच शुरू होते ही आये सड़क पर
शासन के निर्देश पर बुधवार से गुरुवार को पूरे दिन हुई मस्जिद व मदरसों की जांच के बाद इन 14 जमातियों का आशियाना उजड़ गया। इनका लीडर बताता है कि बुधवार को जब से जांच की बात शुरू हुई तभी से इनके समाज के लोग इन्हें अपने अपने गांव से चले जाने को कहने लगे। इसके बाद ही इनकी बेचैनी बढ़ गई। इसके पहले उन्हें किसी भी मस्जिद व मदरसे से जाने को नहीं कहा जा रहा था। उनके भोजन आदि का प्रबंध भी गांव के लोग किया करते थे।














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